परख




Column : Bhula Do
Author : Ankit Kumar Aggarwal


परखते रहे वो हमे सारी ज़िंदगी,
ओर हम इम्तिहान देते रहे,
मज़ा आ रहा था उन्हे हमारी आँसुओ की बारिश मे,
और हम भी उनके लिए बिना रुके रोते रहे,
बेदर्द थे वो कुछ इस कदर,
नींद हमारी उड़ाकर खुद चैन से सोते रहे,
जिन्हे पाने के लिए हमने सब कुछ लूटा दिया,
वो हमे हर कदम पर खोते रहे,
ओर एक दिन जब हुआ इस का एहसास उन्हे,
वो हमारे पास आकर पूरे दिन रोते रहे,
ओर हम भी इतने ख़ुदग़र्ज़ निकले यारो,
की आँखे बंद कर कफ़न मे सोते रहे.....!!!!!

Column : Bhula Do
Author : Ankit Kumar Aggarwal


Previous
Next Post »