कुछ अनकहे लब्ज


Column : Bhula Do
Author : Ankit Kumar Aggarwal
1 )

अरे आज़ादी की खुशी से हुआ मे वाकिफ़ आज
इन हसीन नज़ारो को आँखों मे बसाना है.

मंज़िल तो दूर ही है मुझसे लेकिन
रास्ते का मज़ा उठना है
काफिला शुरू से ही था अकेला
लोग मिलकर बिछड़ते गये
जो चलना चाहे साथ
उसे लक्ष्य तक पहुचना है!!!!

2)


दफ़न कर उस शख्स को जिसे तेरी परवाह नही,
रख बस राख उसकी जिससे तुझे कोई गीला नही,
आख़िर तेरा प्यार तो उसकी यादों मे है
वो इंसान थी क्या ये तो तुझे अभी भी मालूम नही!!!!!!

3)


मेरा फलसफा,,,,,,,,,,,,

उन रस्तो से पूछो जिनपे मे चल था कभी
उन अक्षरो से पूछो जिनको मेने कहा था कभी

जाकर उन नग्मो से पूछो जिन्हे मे गुनगुनाता था कभी
और अगर ये न्ही कर सकते तुम दोस्त
तो उस आसमान से पूछो
..................................................
जो रोकर सुना रहा है मेरे अल्फ़ाज़ अभी....

4)


तेरे लब्जों का रहता है इंतेजार मुझे
चाहत मे तेरी हमेशा बेकरार रहे

तुझको मानता प्यार की तस्वीर ये मन
तस्वीर क्या तुझे अपनी तकदीर मानता हूँ

जब निकले ये चाँदनी से नाहकर चाँद
मे नही होता हैरान

क्यूंकी तुझे ही मे अपना चाँद मानता हूँ


बिखेरनी है तुमको खुशियाँ
जैसे रोशनी हो चाँदनी की

अब उस चाँदनी का काम ही क्या
तुम रोशनी हो मेरी जिंदगी की!!!!!!!!!!!

5)


कुछ लोग जो दिलो मे होते है
वही इस को समझते नही

इकरार तो करते है हमेशा
पत्थर मरने से भी डरते नही

करके इसके टुकड़े टुकड़े
पूछते है फिर , है क्या दर्द कही

करते है कद्र सिर्फ़ नाम की
जज्बातो को समझते नही

ख़ाके कसमे वादे जीवन के
भुला देते है , ख्वाहिशे कही

खुद तो करते है अपने मन की
दूसरे के मन की चिंता नही

फिर भी इस पागल को देखो
करता है ये प्यार फिर भी अभी
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

6)



जिस कसम से मे हूँ आज बँधा
उस चंचल सी मुस्कुराहट का रूप हो तुम

जिन अल्फाज़ो से हूँ मे घिरा
उनका हर जवाब हो तुम

आख़िर ऐसी कौनसी घड़ी थी
जिसको मे शुक्रिया कहु

तुम्हे मुझसे मिलने को
ये कयनात थी फ़ना....

वाकई हूँ मे जो खुश नसीब
जो मे तुमसे मिला

तेरी चाहतो से रहू हमेशा मे इस जहाँ मे खुशनुमा!!!!!!!

7)


तुम को हुआ क्या है
आख़िर क्यूँ खफा हो हमसे?
हमे भी बता दो
हुई क्या ख़ाता हमसे?
तुझे साया बनाकर रखू
ऐसा भी तो शौक नही!!!
और रहू तुझे खफा ऐसा भी कोई ज़ोर ऩही
बातें कहने को है बहुत पर खामोशी अच्छी लगती है
बिना किसी शोर के ये बहुत कुछ कहती है
कोशिश कर कभी इसको समझने की........










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